Grih 2020
गृह प्रवेश
घर वह स्थान है जहां हर व्यक्ति अपने जीवन की सुख-सुविधा और बेहतरीन पलों का आनंद लेता है। घर ईंट, सीमेंट और पत्थरों से बना एक ढांचा ही नहीं बल्कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए यादों और सपनों का एक महल होता है। दुनिया में हर आदमी एक अच्छे घर की इच्छा रखता है, जहां पर वह अपने परिजन, रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ अच्छा समय व्यतीत कर सके। हमारी हमेशा यह कोशिश रहती है कि घर में खुशहाली बनी रहे और हमारी खुशियों को किसी की नज़र न लगे।
गृह प्रवेश क्या है?
गृह प्रवेश वह अवसर है जब कोई व्यक्ति अपने नये घर में पहली बार प्रवेश करता है। यह एक शुभ अवसर होता है। हालांकि नवनिर्मित घर और कोई खरीदा हुआ पुराना मकान दोनों में ही पहली बार जाने के लिए गृह प्रवेश का कार्यक्रम रखा जाता है। इसमें हवन, शांति और पूजा-अर्चना आदि की जाती है ताकि घर और परिवार में सुख-समृद्धि व शांति बनी रहे।
गृह प्रवेश मुहूर्त क्या है?
हमारे जीवन में कई मांगलिक और शुभ अवसर आते हैं और हमारी कोशिश रहती है कि ये शुभ अवसर शुभ समय में संपन्न हो। चूंकि गृह प्रवेश भी एक शुभ अवसर होता है इसलिए प्रयास किया जाना चाहिए कि यह अच्छे से संपन्न हो सके।
क्यों महत्वपूर्ण है गृह प्रवेश मुहूर्त?
हिन्दू धर्म में हर शुभ कार्य एक विशेष मुहूर्त में किया जाता है ताकि उस समय विशेष में ग्रह, नक्षत्र और योग आदि के विशेष प्रभाव से हर कार्य अच्छे से संपन्न हो सके। इसी कड़ी में गृह प्रवेश के लिए भी एक विशेष मुहूर्त होता है।
तीन प्रकार के गृह प्रवेश
वास्तु शास्त्र के अनुसार गृह प्रवेश तीन प्रकार के होते हैं। इनमें नये, पुराने और किसी कारणवश छोड़े गये घर आते हैं।
- अपूर्व गृह प्रवेश: जब पहली बार हम नये घर में रहने के लिए जाते हैं, तो इसे ‘अपूर्व’ गृह प्रवेश कहते हैं।
- सपूर्व गृह प्रवेश: कभी-कभी जीवन में ऐसा समय भी आता है जब हम कुछ कारणों से घर छोड़कर दूर चले जाते हैं और अपने घर को खाली छोड़ देते हैं। ऐसी स्थिति में जब हम दोबारा वहां रहने से पहले जो पूजा करते हैं, उसे सपूर्व गृह प्रवेश कहते हैं।
- द्वान्धव गृह प्रवेश: यदि किसी परेशानी या आपदा की वजह से जब घर को मजबूरी में छोड़ना पड़ता है और फिर दोबारा प्रवेश करने के लिए पूजा कराई जाती है, वह द्वान्धव गृह प्रवेश कहलाता है।
Comments
Post a Comment